Devbrat_Das
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6 days ago
##सत_भक्ति_संदेश सतलोक :- द्वार धणी के पड़ा रहे, धक्के धणी के खावै। सौ काल झक झोर ही, पर द्वार छोड़ ना जावै।। इतना कर लो, गारंटी देता हूं अगला कदम सतलोक में होगा। ~ बनदींछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज