sn vyas
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9 days ago
नास्ति मेघसमं तोयम् नास्ति चात्मसमं बलम् । नास्ति चक्षु: समं तेजः नास्ति धान्यसमं प्रियम् ॥ [ चाणक्यनीति ] अर्थात 👉🏻 मेघ के जल के समान दूसरा कोई जल नही , आत्म-बल के समान दूसरा कोई बल नही , चक्षु के समान दूसरा कोई तेज नही तथा अन्न के समान कोई प्रिय नही । 🌄🌄 प्रभातवंदन 🌄🌄 #चाणक्य नीति