#🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #🇮🇳 देशभक्ति #😜पॉलिटिकल मीम्स😅 #✔️राष्ट्रीय लोक दल 🚨 सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे SIR (Special Intensive Revision) मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में आधार कार्ड को मान्य दस्तावेज़ माना जाएगा। इसके साथ ही 11 अन्य पहचान पत्र भी मान्य होंगे। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि जिन मतदाताओं के नाम वोटर सूची से गलती से हट गए हैं, उन्हें दोबारा शामिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी जाए। अदालत ने कहा कि यह प्रक्रिया लोगों के लिए आसान और पारदर्शी होनी चाहिए ताकि किसी नागरिक का मताधिकार प्रभावित न हो। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर नाराज़गी जताई और कहा कि चुनाव सुधारों में उनकी भूमिका अहम है, पर वे चुप हैं। कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि लोकतंत्र ने एक बार फिर खुद को बचा लिया है और चुनाव आयोग की साख पर गंभीर सवाल उठे हैं।