रोhit Singh
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8 days ago
अधूरे ख़्वाब है कुछ... कुछ अधूरे हम हैं सुकून की चाहत में... ना जाने कितने गम है ज़ख्म भरे भी तो कैसे हम... कोई बताएं जरा ज़ख्म देने वाला ही.....जब मरहम है..!! #रोhitsingh