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Radhey Radhey With Deepak
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Radhey Radhey With Deepak
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2 महीने पहले
Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि कब है? जानें पूजा का समय, जलाभिषेक मुहूर्त और व्रत विधि:- सावन शिवरात्रि के दिन भक्तजन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं, जिसमें जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। यह पूजा रात्रि के चार प्रहरों में की जाती है और विशेष मंत्रों का जाप कर महादेव को प्रसन्न किया जाता है। इस वर्ष सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस पर्व की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व विस्तार से। *सावन शिवरात्रि की तिथि  सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ: 23 जुलाई,  प्रातः  04:39 मिनट पर सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त:24 जुलाई,  देर रात 02:28  मिनट पर  इस तरह 23 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। * सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त निशिता काल पूजा समय: 23 जुलाई, 12: 07 मिनट से 12: 48 मिनट तक भद्रावास योग: दोपहर 03:31 मिनट तक हर्षण योग: दोपहर 12:35 मिनट से *चारों प्रहर का पूजन समय :- प्रथम प्रहर- सांय  6:59 से रात 9:36 तक द्वितीय प्रहर- रात्रि 9:36 से 12:13 तक तृतीय प्रहर- रात्रि  12:13 से देर रात्रि 2:50 तक चतुर्थ प्रहर-  देर रात्रि  2:50 प्रातः 5:27 तक *सावन शिवरात्रि व्रत को खोलने का समय:- सावन शिवरात्रि व्रत पारण : 24 जुलाई 2025, प्रातः 05:27 मिनट से शुरू होगा। *सावन शिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त में स्नान आदि से निवृत्त होकर मंदिर को स्वच्छ करें। फिर व्रत का संकल्प लें। अब गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर यानी पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके उपरांत बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल, चंदन, फल और धूप-दीप अर्पित करें। अब भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ नमः शिवाय' या 'महामृत्युंजय मंत्र' का जाप करें। संभव हो तो रात्रि जागरण करें। *शिव प्रार्थना मंत्र करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥ *शिव नमस्कार मंत्र शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।। *शिव मूल मंत्र ॐ नमः शिवाय॥ *रूद्र मंत्र ॐ नमो भगवते रूद्राय । *रूद्र गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ *महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ **डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए चेनल उत्तरदायी नहीं है। #📢कांवड़ रूट पर बरकरार रहेगा QR कोड 📱 #🪔दूसरा मंगला गौरी व्रत 🙏 #🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 #🛕बाबा केदारनाथ📿 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
Radhey Radhey With Deepak
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2 महीने पहले
#📢कांवड़ रूट पर बरकरार रहेगा QR कोड 📱 #📢उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा 📝 #🪔दूसरा मंगला गौरी व्रत 🙏 Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि कब है? जानें पूजा का समय, जलाभिषेक मुहूर्त और व्रत विधि:- सावन शिवरात्रि के दिन भक्तजन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं, जिसमें जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। यह पूजा रात्रि के चार प्रहरों में की जाती है और विशेष मंत्रों का जाप कर महादेव को प्रसन्न किया जाता है। इस वर्ष सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस पर्व की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व विस्तार से। *सावन शिवरात्रि की तिथि  सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ: 23 जुलाई,  प्रातः  04:39 मिनट पर सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त:24 जुलाई,  देर रात 02:28  मिनट पर  इस तरह 23 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। * सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त निशिता काल पूजा समय: 23 जुलाई, 12: 07 मिनट से 12: 48 मिनट तक भद्रावास योग: दोपहर 03:31 मिनट तक हर्षण योग: दोपहर 12:35 मिनट से *चारों प्रहर का पूजन समय :- प्रथम प्रहर- सांय  6:59 से रात 9:36 तक द्वितीय प्रहर- रात्रि 9:36 से 12:13 तक तृतीय प्रहर- रात्रि  12:13 से देर रात्रि 2:50 तक चतुर्थ प्रहर-  देर रात्रि  2:50 प्रातः 5:27 तक *सावन शिवरात्रि व्रत को खोलने का समय:- सावन शिवरात्रि व्रत पारण : 24 जुलाई 2025, प्रातः 05:27 मिनट से शुरू होगा। *सावन शिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त में स्नान आदि से निवृत्त होकर मंदिर को स्वच्छ करें। फिर व्रत का संकल्प लें। अब गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर यानी पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके उपरांत बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल, चंदन, फल और धूप-दीप अर्पित करें। अब भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ नमः शिवाय' या 'महामृत्युंजय मंत्र' का जाप करें। संभव हो तो रात्रि जागरण करें। *शिव प्रार्थना मंत्र करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥ *शिव नमस्कार मंत्र शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।। *शिव मूल मंत्र ॐ नमः शिवाय॥ *रूद्र मंत्र ॐ नमो भगवते रूद्राय । *रूद्र गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ *महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ **डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए चेनल उत्तरदायी नहीं है। hakal​ #mahadev​ #mahakalstatus2023​ #h
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