महाराजा सूरजमल या सूजान सिंह (13 फरवरी 1707 – 25 दिसम्बर 1763) राजस्थान के भरतपुर के हिन्दू राजा थे जो कि सिनसिनवार गोत्र के जाट थे। इतिहासकारों के द्वारा कहा जाता है इन्होंने अपने जीवनकाल में 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की । महाराजा सूरजमल को लेकर मुगलों में एक कहावत प्रसिद्ध थी "तोप चले बंदूक चले, जाके रायफल चले इशारे ते। अबकै जान बचाइले अल्लाह, या जाट भरतपुर वारे ते।।" उनका शासन जिन क्षेत्रों में था वे वर्तमान समय में भारत की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के आगरा, अलीगढ़, बुलन्दशहर, ग़ाज़ियाबाद, फ़िरोज़ाबाद, इटावा, हाथरस, एटा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ जिले; राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, अलवर, जिले; हरियाणा का गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद, रेवाड़ी, मेवात जिलों के अन्तर्गत हैं। राजा सूरज मल में वीरता, धीरता, गम्भीरता, उदारता, सतर्कता, दूरदर्शिता, सूझबूझ, चातुर्य और राजमर्मज्ञता का सुखद संगम सुशोभित था। मेल-मिलाप और सह-अस्तित्व तथा समावेशी सोच को आत्मसात करने वाली भारतीयता के वे सच्चे प्रतीक थे। राजा सूरज मल के समकालीन एक इतिहासकार ने उन्हें 'जाटों का प्लेटों' कहा है। इसी तरह एक आधुनिक इतिहासकार ने उनकी स्प्ष्ट दृष्टि और बुद्धिमत्ता को देखने हुए उनकी तुलना ओडिसस से की है
#💪म्हारा हरियाणा 💪 #👳🏼♂️हरियाणवी विरासत #🤟हरियाणा के कलाकार #🎤हरियाणवी संस्कृति #💁♂️मेरा स्टेटस