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#अल्लाहु अकबर #🤲 दुआएं #🤲 इबादत #🕌मस्जिद 🤲 #🤲क़ुरान शरीफ़📗
अल्लाहु अकबर - लोग कहते हैं - क़ुरान कहता हैं  क्या लोगों ने ये समझ लिया है कि (सिर्फ) इतना कह देने से कि हम हर मुसलमान जन्नत में जाएगा। ईमान लाए छोड़ दिए जाएँगे और उनका इन्तेहान न लिया जाएगा॰ [IF 29 : 2] और कहते हैं कि गिनती के चन्द दिनों अगर मुसलमान जहन्नम के सिवा हमें आग ' भी तो नहीं (ऐ छुएगी ' में जाएगा भी तो बस रसूल ) इन लोगों से कहो कि क्या तूमने खुदा से कोई इक़रार ले लिया है कि थोड़े दिन के लिए फिर वह किसी तरह अपने इक़रार के ख़िलाफ़ हरगिज़ न करेगा या बे समझे जाएगा। बूझे खुदा पर बोहताव जोड़ते हो॰ 80] [కIF2 वह किताब है। जिस (के कुरान को सिर्फ आलिम किताबे खुदा होने ) में कुछ भी शक ही समझ सकता है। की रहनुमा ` नहीं (ये) परहेज़गारों : ೩ [कूरान २ : २] और हमने तो क़ुरान को नसीहृत हासिल कुरान समझना बहुत करने के वास्ते आसान कर दिया है तो मुश्किल है। कोई है जो नसीहत हासिल करे॰ [कुरान अल॰क़मर 17,22, 32] और क़ुरान को बाक़ायदा क़ुरान को तेज़ तेज ठहर ठहर कर पढ़ा करो॰ पढ़ना चाहिए। क़ूरान ७३ : ४] तो क्या लोग क़ूरान में (ज़रा समझने और करान भी ) ग़ौर नहीं करते या (उनके ) गोरो फिक्र करने से दिलों पर ताले लगे हुए हैं॰ गुमराह हो जाते हैं। [क़ूरान ४७:२४] लोग कहते हैं - क़ुरान कहता हैं  क्या लोगों ने ये समझ लिया है कि (सिर्फ) इतना कह देने से कि हम हर मुसलमान जन्नत में जाएगा। ईमान लाए छोड़ दिए जाएँगे और उनका इन्तेहान न लिया जाएगा॰ [IF 29 : 2] और कहते हैं कि गिनती के चन्द दिनों अगर मुसलमान जहन्नम के सिवा हमें आग ' भी तो नहीं (ऐ छुएगी ' में जाएगा भी तो बस रसूल ) इन लोगों से कहो कि क्या तूमने खुदा से कोई इक़रार ले लिया है कि थोड़े दिन के लिए फिर वह किसी तरह अपने इक़रार के ख़िलाफ़ हरगिज़ न करेगा या बे समझे जाएगा। बूझे खुदा पर बोहताव जोड़ते हो॰ 80] [కIF2 वह किताब है। जिस (के कुरान को सिर्फ आलिम किताबे खुदा होने ) में कुछ भी शक ही समझ सकता है। की रहनुमा ` नहीं (ये) परहेज़गारों : ೩ [कूरान २ : २] और हमने तो क़ुरान को नसीहृत हासिल कुरान समझना बहुत करने के वास्ते आसान कर दिया है तो मुश्किल है। कोई है जो नसीहत हासिल करे॰ [कुरान अल॰क़मर 17,22, 32] और क़ुरान को बाक़ायदा क़ुरान को तेज़ तेज ठहर ठहर कर पढ़ा करो॰ पढ़ना चाहिए। क़ूरान ७३ : ४] तो क्या लोग क़ूरान में (ज़रा समझने और करान भी ) ग़ौर नहीं करते या (उनके ) गोरो फिक्र करने से दिलों पर ताले लगे हुए हैं॰ गुमराह हो जाते हैं। [क़ूरान ४७:२४] - ShareChat

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