गाँव फरल में पसरा मातम ! इकलौते बेटे की करंट लगने से मौत
जीवन की आस में 6 घंटे तक मिट्टी में दबाकर रखा गया 10 वर्षीय निर्भय का शरीर
कैथल (रमन सैनी) कैथल जिले के गाँव फरल में शनिवार का दिन एक परिवार के लिए कहर बनकर टूटा। गाँव के 10 वर्षीय मासूम निर्भय राणा पुत्र अजय राणा की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना के बाद, ग्रामीणों ने एक अनोखी और भावुक कोशिश की, जहाँ बच्चे के मृत शरीर को 6 घंटे तक मिट्टी में दबाकर रखा गया, इस आस में कि कोई चमत्कार हो और जीवन वापस लौट आए, लेकिन यह प्रार्थना विफल रही।
क्या हुआ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह निर्भय अपने घर में बने शेड के नीचे खड़ी ट्रॉली पर खेल रहा था। खेलते समय वह शेड में उतरे बिजली के करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही अचेत हो गया। परिजन और ग्रामीण तुरंत निर्भय को इलाज के लिए पूंडरी अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चमत्कार की आस और 6 घंटे का इंतजार
डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बावजूद, परिजनों और कुछ जानकारों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। सदमे में आए लोगों ने इस अंधविश्वास या पुरानी मान्यता पर भरोसा किया कि करंट से प्रभावित शरीर को मिट्टी में दबाने से जीवन वापस आ सकता है।
निर्भय के शरीर को लगभग 6 घंटे तक गांव में एक जगह मिट्टी में दबाकर रखा गया।
इस दौरान उस स्थान पर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
हर आंख नम थी और लोग प्रार्थना कर रहे थे कि बच्चा जीवित हो जाए।
6 घंटे के इंतजार और सामूहिक प्रार्थना के बावजूद जब कोई हलचल नहीं हुई, तब भारी मन से बच्चे के मृत शरीर को मिट्टी से बाहर निकाला गया।
पूरे गांव में शोक की लहर
निर्भय अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। इस एकलौते चिराग के बुझ जाने से माता-पिता का विलाप देखकर हर कोई स्तब्ध था। घंटों बाद गाँव फरल में निर्भय का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दुखद हादसे के कारण पूरे गाँव में शोक की लहर दौड़ गई है। #हरियाणा

