ShareChat
click to see wallet page
#📖 कविता और कोट्स✒️
📖 कविता और कोट्स✒️ - मन की लिखूं॰.. तो शब्द रूठ जाते है लिखूं॰.. 317< 74 तो अपने रूठ जाते है जिंदगी को समझना. . बहुत   मुश्किल है जनाब कोई सपनों के खातिर... अपनों से दूर रहते है कोई अपनों के खातिर... सपनों से दूर हो जाते है... ! ! मन की लिखूं॰.. तो शब्द रूठ जाते है लिखूं॰.. 317< 74 तो अपने रूठ जाते है जिंदगी को समझना. . बहुत   मुश्किल है जनाब कोई सपनों के खातिर... अपनों से दूर रहते है कोई अपनों के खातिर... सपनों से दूर हो जाते है... ! ! - ShareChat

More like this