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SantRampalJiMaharajYouTubeChannel - गीता के रहस्यों का महाखुलासा अन्थ गीता अनुवाद कर्ताओं ने शब्द का अर्थ आना किथा है व्रज G शब्द का अर्थ जाना, जो 8 সস अनुचित चला जाना आदि होता है। अध्याय १८ का श्लोक ६६ सर्वधर्मान् , परित्यज्य , माम् , एकम् , शरणम् , व्रज, अहम् , त्वा , सर्वपापेभ्यः , मोक्षयिष्यामि , मा, शुचः|l६६११ मेरी ( सर्वधर्मान् ) सम्पूर्ण पूजाओंको ( माम् ) मुझ में ( परित्यज्य ) त्यागकर तू केवल ( एकम् ) एक उस अद्वितीय अर्थात् पूर्ण परमात्मा की (शरणम् ) शरणमें (व्रज ) जा। ((अहम् ) मैं (त्वा ) तुझे ( सर्वपापेभ्यः ) सम्पूर्ण पापोंसे (मोक्षयिष्यामि ) छुड़वा दूँगा तू (मा,शुचः ) शोक मत कर। 8 निःशुल्क " पायें पवित्र पुस्तक पूरा पता भेजें  अपना नाम  ज्ञान गगा +91 7496801823 {5 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Ji SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAIVT RAMPAL JI MAHARAJ गीता के रहस्यों का महाखुलासा अन्थ गीता अनुवाद कर्ताओं ने शब्द का अर्थ आना किथा है व्रज G शब्द का अर्थ जाना, जो 8 সস अनुचित चला जाना आदि होता है। अध्याय १८ का श्लोक ६६ सर्वधर्मान् , परित्यज्य , माम् , एकम् , शरणम् , व्रज, अहम् , त्वा , सर्वपापेभ्यः , मोक्षयिष्यामि , मा, शुचः|l६६११ मेरी ( सर्वधर्मान् ) सम्पूर्ण पूजाओंको ( माम् ) मुझ में ( परित्यज्य ) त्यागकर तू केवल ( एकम् ) एक उस अद्वितीय अर्थात् पूर्ण परमात्मा की (शरणम् ) शरणमें (व्रज ) जा। ((अहम् ) मैं (त्वा ) तुझे ( सर्वपापेभ्यः ) सम्पूर्ण पापोंसे (मोक्षयिष्यामि ) छुड़वा दूँगा तू (मा,शुचः ) शोक मत कर। 8 निःशुल्क " पायें पवित्र पुस्तक पूरा पता भेजें  अपना नाम  ज्ञान गगा +91 7496801823 {5 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Ji SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAIVT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat

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