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#Eek Tu Hi Guru Ji
Eek Tu Hi Guru Ji - पुत्तर मनुष्य का मन एक & जहां भी किसी का करुणा पात्र है, जो माया के मोह का पात्र भर कर बहने लगा और धन से नहीं भरता यह Tw उसके पात्र के पास ही बैठे पात्र परमात्मा के रनामःसे रहना उसकी कुछ भी बूंदे भरता है इतना भर जाता है % की बाढ़ सी आ जाती है तुम पर पड़ गई अगर एक भी पड़ गई तो तुम भी और वहीं बाढ़ करुणा की बूद Tu है। करुणा इतनी भरजाती रंग जाओगे एक बूंद का भी है जो आनंद की तरह बहने Guu अंदर आ गया 5R स्वाद लगती है जो साथ बैठेः డల तो तुम कुछ के कुछ हो लोगों तक लगती है पहुंचने ' 08 जाओगे। ऊँ नमःशिवाय और यही करुणा ही शिवा जी सदा सहाय।| परमात्मा का सत्संग है। पुत्तर मनुष्य का मन एक & जहां भी किसी का करुणा पात्र है, जो माया के मोह का पात्र भर कर बहने लगा और धन से नहीं भरता यह Tw उसके पात्र के पास ही बैठे पात्र परमात्मा के रनामःसे रहना उसकी कुछ भी बूंदे भरता है इतना भर जाता है % की बाढ़ सी आ जाती है तुम पर पड़ गई अगर एक भी पड़ गई तो तुम भी और वहीं बाढ़ करुणा की बूद Tu है। करुणा इतनी भरजाती रंग जाओगे एक बूंद का भी है जो आनंद की तरह बहने Guu अंदर आ गया 5R स्वाद लगती है जो साथ बैठेः డల तो तुम कुछ के कुछ हो लोगों तक लगती है पहुंचने ' 08 जाओगे। ऊँ नमःशिवाय और यही करुणा ही शिवा जी सदा सहाय।| परमात्मा का सत्संग है। - ShareChat

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