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#अनमोल ज्ञान
अनमोल ज्ञान - यह घटना फ्रांस की कुख्यात डेविल्स आइलैंड जेल (le du Diablel से जुड़ी है, जो १८५२ से १९५३ तक अस्तित्व में रही। यह जेल मुख्यतः राजनीतिक कैदियों और खतरनाक लिए ' अपराधियों के थी। यहां की सबसे भयानक सजा थी - अलगाव और कठोर श्रम। कैदियों को जंगल के बीच स्थित इस द्वीप पर कैद कर दिया जाता, जहां न पीने का साफ पानी न भोजन की सही व्यवस्था। तपती गर्मी और मच्छरों 0, से भरे दलदली इलाकों में उन्हें चट्टानें तोड़ने , दलदल साफ करने जैसे असंभव काम दिए जाते। सबसे भयावह यह था कि कैदियों को अक्सर छोटे अंधेरे कोठरियों में हफ्तों तक बंद करदिया जाता। कई लोग भूख, बीमारियों और मानसिक यातनाओं से मर गए। भागने की कोशिश करने वालों को समुद्र की तेज लहरें और शार्क निगल जातीं | यह जेल इतनी क्रूर थी कि इसे "जीवित नर्क" कहा जाता था और आज भी इसके अवशेष रहस्य और डर का प्रतीक बने हुए हैं। यह घटना फ्रांस की कुख्यात डेविल्स आइलैंड जेल (le du Diablel से जुड़ी है, जो १८५२ से १९५३ तक अस्तित्व में रही। यह जेल मुख्यतः राजनीतिक कैदियों और खतरनाक लिए ' अपराधियों के थी। यहां की सबसे भयानक सजा थी - अलगाव और कठोर श्रम। कैदियों को जंगल के बीच स्थित इस द्वीप पर कैद कर दिया जाता, जहां न पीने का साफ पानी न भोजन की सही व्यवस्था। तपती गर्मी और मच्छरों 0, से भरे दलदली इलाकों में उन्हें चट्टानें तोड़ने , दलदल साफ करने जैसे असंभव काम दिए जाते। सबसे भयावह यह था कि कैदियों को अक्सर छोटे अंधेरे कोठरियों में हफ्तों तक बंद करदिया जाता। कई लोग भूख, बीमारियों और मानसिक यातनाओं से मर गए। भागने की कोशिश करने वालों को समुद्र की तेज लहरें और शार्क निगल जातीं | यह जेल इतनी क्रूर थी कि इसे "जीवित नर्क" कहा जाता था और आज भी इसके अवशेष रहस्य और डर का प्रतीक बने हुए हैं। - ShareChat

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