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#geeta gyan
geeta gyan - आज का गोता ज्ञान यदा यदा हि धमस गननियमेवि भारत। अभ्येतृयानमप्रमस तदात्मान सूजाम्यहम्। परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृाम् धर्म्मसंस्याननाययि सम्भामि युगे युगे। তীনন ক লিত সীস্ত্র जब जीवन में अंधकार , अन्याय या अधर्म बढ़े, तो ईश्वर किसी न किसी रूप में सहारा विश्वास रखो _ अवश्य देते हैं। हर धुग में सच्चाई की जीत और अधर्म का नाश हुआ है, _ बस धैर्य और विश्वास बनाए रखना जरूरी है। हमें भी अपने भीतर *धर्म ( सच्चाई , करूणा, न्याय, कर्तच्य ) को रयापित करना चाहिए, तभी जीवन सार्थक होगा। সাত ক্রা সটথা अधमे चाहे जितना भी प्रबल हो जाए, अंततः जीत धर्म और सत्य की ही होती है। आज का गोता ज्ञान यदा यदा हि धमस गननियमेवि भारत। अभ्येतृयानमप्रमस तदात्मान सूजाम्यहम्। परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृाम् धर्म्मसंस्याननाययि सम्भामि युगे युगे। তীনন ক লিত সীস্ত্র जब जीवन में अंधकार , अन्याय या अधर्म बढ़े, तो ईश्वर किसी न किसी रूप में सहारा विश्वास रखो _ अवश्य देते हैं। हर धुग में सच्चाई की जीत और अधर्म का नाश हुआ है, _ बस धैर्य और विश्वास बनाए रखना जरूरी है। हमें भी अपने भीतर *धर्म ( सच्चाई , करूणा, न्याय, कर्तच्य ) को रयापित करना चाहिए, तभी जीवन सार्थक होगा। সাত ক্রা সটথা अधमे चाहे जितना भी प्रबल हो जाए, अंततः जीत धर्म और सत्य की ही होती है। - ShareChat

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