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*जीवन में जो सुख,दु:ख,सफलता-असफलता हमें मिलते हैं,वे बाहरी वस्तुएँ नहीं बल्कि हमारे अपने कर्म और दृष्टि का परिणाम होते हैं।* चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्। मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि।। *शुभ प्रभात वंदन* 🙏🌹 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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