मान लिया मानयवर के आप नैपो किड हैं। आपके पप्पा विधायक, सांसद, गवर्नर रहें है।
मान लिया के संविधान में विषेश दर्जा है आप के लिए
और शायद इनहीं कारनों से आप बङे कोठे की मैडम भी बन गए......
पर ये नहीं मान सकते के आप अक्कल से कतई पैदल हैं। इतना तो आपको पता ही होगा के लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है....
जब आप कह रहे हैं के अपनी समसया अपने भगवान के पास ले जाओ......तो आप असल में ये कह रहे हैं के जनता अपनी समसायों का समाधान अपने आप करे। हम नहीं करेंगे।
तो मानयवर ये भी समझ लो के अगर जनता ने अपनी समसाऐं अपने आप सुलझानी शुरू कर दी......तो बहुत दिक्कत हो जाऐगी।
एक झलकी दिखाई थी जनता ने 6 दिसंबर 1992 को। और समसया का समाधान भी हो गया.....पर आप को प्राब्लम हो गई थी। रोने लग गए थे!
संविधान ने ताकत और पद दिया है तो अपने कर्तव्यों का निरवहन करो....जनता की सेवा करो.....घमंड और गुरूर में जनता का अपमान ना करो। आजकल घमंडी नैपो किडज को दौङा दौङा कर..... #सुप्रीम कोर्ट
