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#🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #राधे कृष्णा #राधे श्याम #राधे राधे
🕉️सनातन धर्म🚩 - जय जय श्री राधे श्याम संत से एक भक्त ने पूछा कि एक बार एक हम ठाकुर जी के आगे भोग धरते है लेकिन भोग कम नही होता इसका मतलब ठाकुर जी हमारा भोगनही स्वीकार करते तब संत ने कहा कि जिस तरह फूल मे से " লন सुगंध सूघं से उसका वजन कम नही होता ऐसे ही भगवान रसमयस्वरूप है वो भोजन का दिव्य কস্ত্র্ী  रस ग्रहण करते है इसलिए भोग  जी होताअब जब भी आप सब ठाकुर आगे भोग रखे तो इसी विश्वास से भोजन कम हो या न हो ठाकुरजी ने भोग रस  रूप मे ग्रहण कर लिया ।।जय श्री कृष्ण |l  जय जय श्री राधे श्याम संत से एक भक्त ने पूछा कि एक बार एक हम ठाकुर जी के आगे भोग धरते है लेकिन भोग कम नही होता इसका मतलब ठाकुर जी हमारा भोगनही स्वीकार करते तब संत ने कहा कि जिस तरह फूल मे से " লন सुगंध सूघं से उसका वजन कम नही होता ऐसे ही भगवान रसमयस्वरूप है वो भोजन का दिव्य কস্ত্র্ী  रस ग्रहण करते है इसलिए भोग  जी होताअब जब भी आप सब ठाकुर आगे भोग रखे तो इसी विश्वास से भोजन कम हो या न हो ठाकुरजी ने भोग रस  रूप मे ग्रहण कर लिया ।।जय श्री कृष्ण |l - ShareChat

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