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#✍️कडवा सच ✍️ #सच #सच्ची बातें #👉 लोगों के लिए सीख👈 #☝ मेरे विचार
✍️कडवा सच ✍️ - रज्यां ज्यों बच्चे बड़े होते है। बाप से दूरियों बढ जाती है। बाप की याद तभी आती है जब उन्हें जरूरत होती है। एक उम्र के बाद बाप भरे घर में अकेला हो जाता है। बच्चों की शादी के बाद तो वह परिवार से पूरी तरह अलग कर दिया जाता है। घर ठहाकों में उसकी उपस्थिति नहीं होती। बस ৯ নীনয ক हंसी एक कमरे में उसकी जिंदगी ठहर जाती है। बहुत से काम अनुपस्थिति में होने लगते है। उसे शरीक करना भी उसकी जरूरी नहीं समझते। जिस घर की एक एक ईंट को जिसने लिए अपनी सांसे होम कर बनाया था।वो घर भी उसके अजनबी बनता जाता है। बाप को कभी भी वो प्यार नहीं मिलता जो एक मां को मिलता है। एक उम्र के बाद बच्चे बाप को गले नहीं लगाते। ना बाप की गोद में सिर रखकर सोते हैं। जो बच्चे परदेस रहते हां वो भी मां को फोन लगाते है। उनकी कुशलता का समाचार भी बाप के पास मां के जरिए पहुंचता  है। बाप के आखिरी पल एकांत में ही गुजरते है | यादों Hி के साथ। वह खुद में सिमट कर रह जाता है। घुटता है। छटपटाता है। मन मसोस कर रह जाता है। सच है ना?? रज्यां ज्यों बच्चे बड़े होते है। बाप से दूरियों बढ जाती है। बाप की याद तभी आती है जब उन्हें जरूरत होती है। एक उम्र के बाद बाप भरे घर में अकेला हो जाता है। बच्चों की शादी के बाद तो वह परिवार से पूरी तरह अलग कर दिया जाता है। घर ठहाकों में उसकी उपस्थिति नहीं होती। बस ৯ নীনয ক हंसी एक कमरे में उसकी जिंदगी ठहर जाती है। बहुत से काम अनुपस्थिति में होने लगते है। उसे शरीक करना भी उसकी जरूरी नहीं समझते। जिस घर की एक एक ईंट को जिसने लिए अपनी सांसे होम कर बनाया था।वो घर भी उसके अजनबी बनता जाता है। बाप को कभी भी वो प्यार नहीं मिलता जो एक मां को मिलता है। एक उम्र के बाद बच्चे बाप को गले नहीं लगाते। ना बाप की गोद में सिर रखकर सोते हैं। जो बच्चे परदेस रहते हां वो भी मां को फोन लगाते है। उनकी कुशलता का समाचार भी बाप के पास मां के जरिए पहुंचता  है। बाप के आखिरी पल एकांत में ही गुजरते है | यादों Hி के साथ। वह खुद में सिमट कर रह जाता है। घुटता है। छटपटाता है। मन मसोस कर रह जाता है। सच है ना?? - ShareChat

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