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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - में मुझे इस फरेबी दुनिया दुनियादारी नहीं आती, झूठ को सच साबित करने की मुझे कलाकारी नहीं आती, जिसमें सिर्फ मेरा हित हो मुझे वह समझदारी नहीं आती, शायद मैं इसलिए पीछे हूं मुझे होशियारी नहीं आती, बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी मगर मुझे गद्दारी नहीं आती। में मुझे इस फरेबी दुनिया दुनियादारी नहीं आती, झूठ को सच साबित करने की मुझे कलाकारी नहीं आती, जिसमें सिर्फ मेरा हित हो मुझे वह समझदारी नहीं आती, शायद मैं इसलिए पीछे हूं मुझे होशियारी नहीं आती, बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी मगर मुझे गद्दारी नहीं आती। - ShareChat

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