महान समाज सुधारक #प्रबोधनकरठाकरे को उनकी पुण्यतिथि पर नमन। प्रबोधनकर ब्राह्मणवादी वर्चस्व के घोर विरोधी थे। उन्होंने 'निम्न जातियों' के लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए और जातिविहीन समाज की वकालत की। वे महात्मा #ज्योतिबाफुले के लेखन से प्रेरित थे। उन्होंने दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों का विरोध किया और अंतर्जातीय विवाह भी करवाए। उन्होंने हिंदू समाज में व्याप्त बाल विवाह और छुआछूत को भी रोका।
#प्रबोधनकर ठाकरे

