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#दिल के अल्फाज़
दिल के अल्फाज़ - किसे खबर है मेरे.. अंदर कितनी खामोशी है, ये मुस्कुराहट तो बस... चेहरे की ज़रूरी सी रस्में हैं। मेरी बरबादी का मंज़र... देखने वाला कोई नहीं , दिल रोता हर रोज़ है... आँसू की इजाज़त नहीं है। बस किसे खबर है मेरे.. अंदर कितनी खामोशी है, ये मुस्कुराहट तो बस... चेहरे की ज़रूरी सी रस्में हैं। मेरी बरबादी का मंज़र... देखने वाला कोई नहीं , दिल रोता हर रोज़ है... आँसू की इजाज़त नहीं है। बस - ShareChat

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