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#jay shree #Jay shree ram 🚩🚩🙏🙏
jay shree - यही सांसारिक प्रेम है एक बुढ़ा व्यक्ति था।जो दुनिया मे अकेलुाढ़ था। उसके पास एक गाय थी। विचार एक दिन बूढ़े ने गाय को खूंटे से अब तू आजाद है। मै अब खोल कर कहा बुढ़ा हो गया हूँ। अब तेरी देखभाल मुझसे नही हो पायेगी। तू जंगल मे चली जा। वहाँ g बहुत कुछ मिल जायेगा | खाने के 35R गाय चली गई। मगर दिनभर जंगल मे चरने के बाद वापस खूंटे पर लौट आई। बूढ़े व्यक्ति ने उसे बाँधा नही। फिर भी वह खूंटे के पास बैठी रही। फिर ये सिलसिला शुरू हो गया। गाय सुबह चली जाती और शाम को खूंटे पर खूंटे बूढ़ा मर गया मगर गाय ने लौट आती = पर वापस आना नही छोड़़ा। यही हम के साथ होता है। हम चाह कर भी खूँटा छोड़ पाते। जहाँ रहते है। उस जगह से होे जाता है। जिनके साथ रहते है उनसे हो जाता है। जिससे अपनत्व हो जाता है छोड़ने की हिम्मत हमसे नही हो पाती। फिर चाहे वह घर हो, पत्नी हो, पति हो, बच्चे हो, प्रेमी , प्रेमिका हो, दोस्त होे, माँ, बाप हो। हम इनके साथ एक अदृश्य खूंटे से बंधे रहते है। जब तक सांस चलती है खूँटा नही छूटता। यही सांसारिक प्रेम है एक बुढ़ा व्यक्ति था।जो दुनिया मे अकेलुाढ़ था। उसके पास एक गाय थी। विचार एक दिन बूढ़े ने गाय को खूंटे से अब तू आजाद है। मै अब खोल कर कहा बुढ़ा हो गया हूँ। अब तेरी देखभाल मुझसे नही हो पायेगी। तू जंगल मे चली जा। वहाँ g बहुत कुछ मिल जायेगा | खाने के 35R गाय चली गई। मगर दिनभर जंगल मे चरने के बाद वापस खूंटे पर लौट आई। बूढ़े व्यक्ति ने उसे बाँधा नही। फिर भी वह खूंटे के पास बैठी रही। फिर ये सिलसिला शुरू हो गया। गाय सुबह चली जाती और शाम को खूंटे पर खूंटे बूढ़ा मर गया मगर गाय ने लौट आती = पर वापस आना नही छोड़़ा। यही हम के साथ होता है। हम चाह कर भी खूँटा छोड़ पाते। जहाँ रहते है। उस जगह से होे जाता है। जिनके साथ रहते है उनसे हो जाता है। जिससे अपनत्व हो जाता है छोड़ने की हिम्मत हमसे नही हो पाती। फिर चाहे वह घर हो, पत्नी हो, पति हो, बच्चे हो, प्रेमी , प्रेमिका हो, दोस्त होे, माँ, बाप हो। हम इनके साथ एक अदृश्य खूंटे से बंधे रहते है। जब तक सांस चलती है खूँटा नही छूटता। - ShareChat

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