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#skandmata
skandmata - पंचम माँ नवदुर्गा  मा स्कदमाता देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।  যা नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। | नवरात्रि के पाँचवे दिन स्कंदमाता देवी की पूजा अर्चना की जाती है | ये स्कंद कुमार  कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। इन्हे विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित है इनका वर्ण एकदम 14 शुभ्र है कमल के आसन पर विराजमान रहती है, इसलिए इन्हें पधासना भी कहा जाता है सिंह इनका वाहन है | इस देवी की चार भुजाएँ है। इनकी गोद में स्कंद हैं | नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बायीं तरफ ऊपरवाली भुजा में वरदमुद्रा में हैं , नीचे वाली भुजा में कमल  पुष्प है | इनकी मभुजा है। उपासना से इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।  सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ।। سس radheradheje com पंचम माँ नवदुर्गा  मा स्कदमाता देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।  যা नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। | नवरात्रि के पाँचवे दिन स्कंदमाता देवी की पूजा अर्चना की जाती है | ये स्कंद कुमार  कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। इन्हे विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित है इनका वर्ण एकदम 14 शुभ्र है कमल के आसन पर विराजमान रहती है, इसलिए इन्हें पधासना भी कहा जाता है सिंह इनका वाहन है | इस देवी की चार भुजाएँ है। इनकी गोद में स्कंद हैं | नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बायीं तरफ ऊपरवाली भुजा में वरदमुद्रा में हैं , नीचे वाली भुजा में कमल  पुष्प है | इनकी मभुजा है। उपासना से इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।  सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ।। سس radheradheje com - ShareChat

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