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shairi - लोहे को कोई ख़त्म नहीं कर सकता , उसकी खुद की जंग ही उसे ख़त्म कर देती है। वैसे ही इंसान को कोई ख़त्म नहीं कर सकता , उसकी खुद की सोच ही उसे मार देती है। 35.4K दीपक बजाज 154 लोहे को कोई ख़त्म नहीं कर सकता , उसकी खुद की जंग ही उसे ख़त्म कर देती है। वैसे ही इंसान को कोई ख़त्म नहीं कर सकता , उसकी खुद की सोच ही उसे मार देती है। 35.4K दीपक बजाज 154 - ShareChat

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