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#jay hanuman #sone se phle hanuman chalisa ka path jarur kre jay🙏shree🙏ram #🙏🥀 Hanuman Chalisa Jay Hanuman Gyan Gun Sagar🙏🥀@Rk.. #🙏❤️🔱shubh mangalvar #🙏❤️🔱#Jay Hanuman chalisa ❤️🙏🔱
jay hanuman - డీ चालीसा [ 8 प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं | जलधि लांघि गये अचरज नाहीं १।  = ব্রুসি কাস সমন ক সীন ! Tಗ II10Il तुम्हरे सुगम अनुग्रह  पैसारे तुम   रखवारे विनु होत न आज्ञा दुआरे राम 8 सव सुख लहे কাচ কী 37 না 117111 எி सरना | तुम रक्षक  ಕ್ಲೆ आपन तेज सम्हारो आपै  तीनों लोक हांक तें कांपे న भूत पिसाच निकट नहिं आवै সমাবীয সব নাপ মুনাব 1/12// శ नासै रोग हरै सव पीरा जपत निरंतर हनुमत वीरा ಕ್ಲೆ संकट तें हनुमान 1 সন কস ন-ন সযান সী লাব 1/1311 SsTd . {ಕ  सव पर राम तपस्वी राजा | तिन के काज सकल तुम साजा - ೆ और मनोरथ जो कोई लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ।।१४।। ಕ್ಲೆ है परसिद्ध जगत उजियारा  चारों जुग परताप तुम्हारा  1 - साधुनसंत के तुम रखवारे | असुर निकंदन राम  I15Ik दुलारे = सिद्धि नौ निधि के दाता | अस वर दीन जानकी माता I। 3& క్రీ ক নামা 1/1611 सदा रहो रघुपति  পামা ! राम रसायन तुम्हरे भजन राम को पावै | जनम जनम के दुख विसरावै  = अन्तकाल रघुवर पुर जाई । সমা সন্স ৪হি-সক কঙা্ৎ 11171] ಕ್ಲೆ हनुमत सेइ सर्व सुख करई और देवता चित्त न धरई - संकट कटै मिटै सव पीरा| जो सुमिरे हनुमत वलवीरा I।१८१।  = जै जै जै हनुमान गोसाई কী নাৎ गुरुदेव  कृपा करहु = छूटहि वंदि महा सुख होई I।१९II  = जो सत वार पाठ कर कोई । जो यह पढ़े हनुमान चालीसा | होय सिद्धि साखी गौरीसा I। = तुलसीदास सदा हरि चेरा | कीजै नाथ हृदय मंह डेरा II२OII  ಕ್ಲೆ मंगल मूरति रूप | पवन तनय संकट हरन, F - राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप I।  ಹJ   ne3 م   و    ه   و   డీ चालीसा [ 8 प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं | जलधि लांघि गये अचरज नाहीं १।  = ব্রুসি কাস সমন ক সীন ! Tಗ II10Il तुम्हरे सुगम अनुग्रह  पैसारे तुम   रखवारे विनु होत न आज्ञा दुआरे राम 8 सव सुख लहे কাচ কী 37 না 117111 எி सरना | तुम रक्षक  ಕ್ಲೆ आपन तेज सम्हारो आपै  तीनों लोक हांक तें कांपे న भूत पिसाच निकट नहिं आवै সমাবীয সব নাপ মুনাব 1/12// శ नासै रोग हरै सव पीरा जपत निरंतर हनुमत वीरा ಕ್ಲೆ संकट तें हनुमान 1 সন কস ন-ন সযান সী লাব 1/1311 SsTd . {ಕ  सव पर राम तपस्वी राजा | तिन के काज सकल तुम साजा - ೆ और मनोरथ जो कोई लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ।।१४।। ಕ್ಲೆ है परसिद्ध जगत उजियारा  चारों जुग परताप तुम्हारा  1 - साधुनसंत के तुम रखवारे | असुर निकंदन राम  I15Ik दुलारे = सिद्धि नौ निधि के दाता | अस वर दीन जानकी माता I। 3& క్రీ ক নামা 1/1611 सदा रहो रघुपति  পামা ! राम रसायन तुम्हरे भजन राम को पावै | जनम जनम के दुख विसरावै  = अन्तकाल रघुवर पुर जाई । সমা সন্স ৪হি-সক কঙা্ৎ 11171] ಕ್ಲೆ हनुमत सेइ सर्व सुख करई और देवता चित्त न धरई - संकट कटै मिटै सव पीरा| जो सुमिरे हनुमत वलवीरा I।१८१।  = जै जै जै हनुमान गोसाई কী নাৎ गुरुदेव  कृपा करहु = छूटहि वंदि महा सुख होई I।१९II  = जो सत वार पाठ कर कोई । जो यह पढ़े हनुमान चालीसा | होय सिद्धि साखी गौरीसा I। = तुलसीदास सदा हरि चेरा | कीजै नाथ हृदय मंह डेरा II२OII  ಕ್ಲೆ मंगल मूरति रूप | पवन तनय संकट हरन, F - राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप I।  ಹJ   ne3 م   و    ه   و - ShareChat

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