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#✍️ अनसुनी शायरी #❤ गुड मॉर्निंग शायरी👍 #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - अगर कोई मक्खी सब्जी तौलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वही मक्खी अगर सोना तोलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत लगभग दस हजार रुपये होगी। हम कहाँ बैठते हम किसके साथ बैठते हैं 8.? हमारा मूल्य उसी ? आधार पर निर्धारित किया जाता है। अगर कोई मक्खी सब्जी तौलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वही मक्खी अगर सोना तोलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत लगभग दस हजार रुपये होगी। हम कहाँ बैठते हम किसके साथ बैठते हैं 8.? हमारा मूल्य उसी ? आधार पर निर्धारित किया जाता है। - ShareChat

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