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#લાગણી ભીનો સબંધ #સબંધ
લાગણી ભીનો સબંધ - एक किताब की तरह हूं मैं कितनी भी पुरानी हो जाए . पर उसके अल्फ़ाज़ नहीं बदलेंगे . कभी याद आये तो, पन्ने पलट कर देखना . हम आज जैसे है , कल भी वैसे ही मिलेंगे.. शुभरात्रि !! ! एक किताब की तरह हूं मैं कितनी भी पुरानी हो जाए . पर उसके अल्फ़ाज़ नहीं बदलेंगे . कभी याद आये तो, पन्ने पलट कर देखना . हम आज जैसे है , कल भी वैसे ही मिलेंगे.. शुभरात्रि !! ! - ShareChat

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