Mission Bhaggavad Gita Slok Day 33
अध्याय 1, श्लोक 32
"हे कृष्ण! न तो मुझे विजय चाहिए, न राज्य और न ही सुख।
जब अपने ही प्रियजनों की बलि देनी पड़े…
तो ऐसे राज्य और भोग का क्या लाभ?"
👉 यह श्लोक अर्जुन के अंतर्मन का द्वंद्व दिखाता है।
👉 गीता हमें सिखाती है – कर्तव्य ही सच्चा धर्म है।
हर दिन गीता = हर दिन आत्मा का उत्थान 🙏
जय श्रीकृष्ण!
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