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हवा का रुख अगर बढ़ जाए, तो तूफान में तब्दील हो जाता है, सैलाब अगर आजाएं, तो सब कुछ तहस नहस हो जाता है.... उसी तरह, शब्द अगर अपनी जगह बदले, प्यार में नफरत हो जाती हैं, दरार पड़ते हुवे फिर दुश्मनी हो जाती है.. नफरत करने वाले अपना रुख तब तक नहीं बदलते, जब तक जन्नत,नरक का सफर, भू लोक की दर्द भरी सीमा का अहेसास दिलाकर, दास्तान सुनाते याद दिलाते है.. *स्नेहल एम* (पत्रकार, लेखक,कवी,शायर सामाजिक कार्यकर्ता) #💝 शायराना इश्क़ #💞Heart touching शायरी✍️ #✡️सितारों की चाल🌠 #🙏कर्म क्या है❓

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