#☝अनमोल ज्ञान
🪷 || बल से नहीं, प्रेम से जीतें || 🪷
किसी को बल पूर्वक जीतने की अपेक्षा प्रेम पूर्वक जीतना कई गुना श्रेष्ठ एवं सरल है। किसी को बलपूर्वक हराकर जीतना आसान है, लेकिन उनसे प्रेमपूर्वक हार जाना कई गुना श्रेष्ठ है। जो टूटे को बनाना और रूठे को मनाना जानता है, वही तो बुद्धिमान है। वर्तमान समय में हमारे आपसी संबंधों में मतभेद का प्रमुख कारण ही यह है, कि हम दूसरों को प्रेम की शक्ति से नहीं अपितु बल की शक्ति से जीतना चाहते हैं।
दूसरों को जीतने के लिए बल का प्रयोग नहीं अपितु प्रेम का उपयोग करें। घर-परिवार में भी आज सुनाने को सब तैयार हैं पर सुनने को कोई तैयार ही नहीं है। दूसरों को सुनाने की अपेक्षा स्वयं सुन लेना भी हमारे आपसी संबंधों की मजबूती के लिये अति आवश्यक हो जाता है। अपने को सही साबित करने के लिए पूरे परिवार को ही अशांत बनाकर रख देना कदापि उचित नहीं। घर-परिवार में जितना हम एक दूसरे को समझेंगे उतने हमारे आपसी संबंध भी सुलझेंगे।
जय श्री राधे कृष्ण
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