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guljar ki shayari - उन जख्मों को भरने में वक्त लग ही जाता है , जिनमें अपनों की मेहरबानियां शामिल हो। गुलज़ार : अभ्युदय साहित्य उन जख्मों को भरने में वक्त लग ही जाता है , जिनमें अपनों की मेहरबानियां शामिल हो। गुलज़ार : अभ्युदय साहित्य - ShareChat

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