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#desh prem
desh prem - मेरा देश सिर पे हैं ताज जिसके हिमगिरी , इसे सजा हुआ पैरो में है संगर जिसके अर्शीष के प्राप्त कररहा " (2) औलादे ऐसे जो इतिहास रचा जा रहा, सर पर कंफन बंधा रक्षक बने वो ' खड़ें जिसके पूर्व में TTITI . सागर से सझा कर रही पश्चिम की तो बात निराली सोमनाथ मंदिर जगमगा रहा है इतिहास महाना है मेरा भारत मेरा (२) की तो बात पुरानी बरसा आज दर्द चुभा रही यु ही  काश वो न होता तो सब अच्छा होता से बता दोहरा हुआ आत्यचार जब माँ पर उठा खडा हुआ शंतान हाथ रंगे रक्ता बाह छोटी चीगारि बाना पकी संगरम, "एक कविता अपने देश के नाम देशभक्ति" , read it on Pratilipi मुक्ता कर माँ को रचा  https:l Ihindi-pratilipi.comlserieslnಹ- ऐसा संसार न हो फिर कभी ऐसा कविता अपने देशन्के-नाम देशभक्ति- बना गया एक नाय संविधान (2) dt5chfgenvrc? language=HINDI&utm_sourcesandroid&ut m_medium-content_series_share है इतिहास महान है मेरा भारत मेरा (२) सिर पे है ताज जिसके हिमगिरी Read write and listento unlimited से सजा हुआ contents in Indian languages absolutely पैरो मे है सागर जिसके अर्शीष से प्राप्त कर रहा.. | (२) free मेरा देश सिर पे हैं ताज जिसके हिमगिरी , इसे सजा हुआ पैरो में है संगर जिसके अर्शीष के प्राप्त कररहा " (2) औलादे ऐसे जो इतिहास रचा जा रहा, सर पर कंफन बंधा रक्षक बने वो ' खड़ें जिसके पूर्व में TTITI . सागर से सझा कर रही पश्चिम की तो बात निराली सोमनाथ मंदिर जगमगा रहा है इतिहास महाना है मेरा भारत मेरा (२) की तो बात पुरानी बरसा आज दर्द चुभा रही यु ही  काश वो न होता तो सब अच्छा होता से बता दोहरा हुआ आत्यचार जब माँ पर उठा खडा हुआ शंतान हाथ रंगे रक्ता बाह छोटी चीगारि बाना पकी संगरम, "एक कविता अपने देश के नाम देशभक्ति" , read it on Pratilipi मुक्ता कर माँ को रचा  https:l Ihindi-pratilipi.comlserieslnಹ- ऐसा संसार न हो फिर कभी ऐसा कविता अपने देशन्के-नाम देशभक्ति- बना गया एक नाय संविधान (2) dt5chfgenvrc? language=HINDI&utm_sourcesandroid&ut m_medium-content_series_share है इतिहास महान है मेरा भारत मेरा (२) सिर पे है ताज जिसके हिमगिरी Read write and listento unlimited से सजा हुआ contents in Indian languages absolutely पैरो मे है सागर जिसके अर्शीष से प्राप्त कर रहा.. | (२) free - ShareChat

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