ShareChat
click to see wallet page
#🖋ग़ालिब की शायरी
🖋ग़ालिब की शायरी - मुझे न सिखाओ साहब इश्क की तहज़ीब, [ मेंने इक उम्र उसे बस दूर से देखा है, | मुझे न सिखाओ साहब इश्क की तहज़ीब, [ मेंने इक उम्र उसे बस दूर से देखा है, | - ShareChat

More like this