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#प्रकृति का उपहार
प्रकृति का उपहार - कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, चितवा दुखी उदास | थोड़ा थोड़ा सब दुखी, सुखी सत का दास। | कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, चितवा दुखी उदास | थोड़ा थोड़ा सब दुखी, सुखी सत का दास। | - ShareChat

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