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#श्रीमद भगवद गीता उपदेश 🙏🙏 #भगवद गीता सार #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏कर्म क्या है❓
श्रीमद भगवद गीता उपदेश 🙏🙏 - मन्यसे यदि तच्छक्यं मया द्रष्टमिति प्रभो। योगेश्वर ततो मे त्वं द्शयात्मानमव्ययम्। हे प्रभो! उत्पत्ति स्थिति और प्रलय तथा अन्तर्यामी रूप से शासन करने चाला होनेसे भगवान का नाम प्रभु है यदिमेरे द्वारा आपका वहरूरप दखा जाना शक्य एसा अप मानत है तो हे योगेश्वर! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन् कराइए IAll ZG इस श्लोक में अर्जन भगवान श्रीकृष्ण से निवेदन कर रहे हैंl अर्जून कह रहेहै कि यदि मेरे लिएतेरा विराट रूप देखना तोकृपया मझे।उस रूप को दिखा। अर्जन भगवान सभव को ्योगेश्वर योग और कर्मोंकिईश्वर के रूप में सिंबोधित कर रहेहैं और अनुरोध कर रहेहैं कि वह अपने अजर अमर अव्यय रूप को प्रदशित करे। यह श्लोक भगवान के विराट रूप के दर्शन की इच्छा और उनकी अनंत शक्ति को समझने की अर्जन की गहरी लालसा को दरशता है। अर्जन जानना चाहते हैंकि क्या भगवान का वहपरम रूप उनकी सामान्य दृष्टिसेदेखा जा सकता है्या नहीं। यह श्लोक भगवान के दिव्य रूप की दिव्यता और उसकी प्रकटता को लेकर अर्जुन के मन की जिज्ञासा को उजागर करता हैl मन्यसे यदि तच्छक्यं मया द्रष्टमिति प्रभो। योगेश्वर ततो मे त्वं द्शयात्मानमव्ययम्। हे प्रभो! उत्पत्ति स्थिति और प्रलय तथा अन्तर्यामी रूप से शासन करने चाला होनेसे भगवान का नाम प्रभु है यदिमेरे द्वारा आपका वहरूरप दखा जाना शक्य एसा अप मानत है तो हे योगेश्वर! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन् कराइए IAll ZG इस श्लोक में अर्जन भगवान श्रीकृष्ण से निवेदन कर रहे हैंl अर्जून कह रहेहै कि यदि मेरे लिएतेरा विराट रूप देखना तोकृपया मझे।उस रूप को दिखा। अर्जन भगवान सभव को ्योगेश्वर योग और कर्मोंकिईश्वर के रूप में सिंबोधित कर रहेहैं और अनुरोध कर रहेहैं कि वह अपने अजर अमर अव्यय रूप को प्रदशित करे। यह श्लोक भगवान के विराट रूप के दर्शन की इच्छा और उनकी अनंत शक्ति को समझने की अर्जन की गहरी लालसा को दरशता है। अर्जन जानना चाहते हैंकि क्या भगवान का वहपरम रूप उनकी सामान्य दृष्टिसेदेखा जा सकता है्या नहीं। यह श्लोक भगवान के दिव्य रूप की दिव्यता और उसकी प्रकटता को लेकर अर्जुन के मन की जिज्ञासा को उजागर करता हैl - ShareChat

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