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#दर्द भरी शायरी
दर्द भरी शायरी - एहसास मैं कविता नहीं एहसास लिख रहा हूँ लिए  कुछ ख़ास लिख रहा हूँ तुम्हारे आज मैं तुमसे मिला. तुम अलग सी लगी जब हम रोज़ मिलने लगे. फिर दूर हो गए मिलने की आस लिख रहा हूँ तुमसे आज लिए कुछ ख़ास लिख रहा हूँ 5R #3#` अजनबी  पहचान बन गयी पहचान बढ़ते बढ़ते जान बन गयी সহী তান जीने की प्यास लिख रहा हूँ तुमको F' कुछ ख़ास लिख रहा हूँ तुम्हारे तेरे आने जाने से मैं यूँ शायर बना  शब्द काग़ज़ पे कैसे बैठते पता ही नहीं अपने सीने में दबी साँस लिख रहा हूँ লিব कुछ ख़ास लिख रहा हूँ तुम्हारे सच एहसास मैं कविता नहीं एहसास लिख रहा हूँ लिए  कुछ ख़ास लिख रहा हूँ तुम्हारे आज मैं तुमसे मिला. तुम अलग सी लगी जब हम रोज़ मिलने लगे. फिर दूर हो गए मिलने की आस लिख रहा हूँ तुमसे आज लिए कुछ ख़ास लिख रहा हूँ 5R #3#` अजनबी  पहचान बन गयी पहचान बढ़ते बढ़ते जान बन गयी সহী তান जीने की प्यास लिख रहा हूँ तुमको F' कुछ ख़ास लिख रहा हूँ तुम्हारे तेरे आने जाने से मैं यूँ शायर बना  शब्द काग़ज़ पे कैसे बैठते पता ही नहीं अपने सीने में दबी साँस लिख रहा हूँ লিব कुछ ख़ास लिख रहा हूँ तुम्हारे सच - ShareChat

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