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#Eek Tu Hi Guru Ji
Eek Tu Hi Guru Ji - पुत्तर मन के शोर से सत्य नहीं सुना जा @ सकता, सत्य केवल शांत हृदय में उतरता है। जब भी मनुष्य पूरी तरह अपने अंदर Tu से खाली हो जाता है तभी उसका अस्तित्व भरता है। परमात्मा के प्रति ध्यान कोई Hi साधन नहीं एक स्वाभाविक क्रिया है उस Tu परमात्मा को अपने हृदय में धारण करने की..!!जो मनुष्य स्वयं को जान लेता है वह Guu पूरे ब्रह्मांड को जान लेता है। जैसे-जैसे मनुष्य भीतर उतरता है तो पता है की वह Ji शरीर नहीं मन नहीं एक शुद्ध साक्षी रूह है उस परमात्मा के प्रति और वही साक्षी भाव उसे सत्य तक ले जाता है जो जन्म से पहले भी था और मृत्यु के बाद भी रहेगा पुत्तर मन के शोर से सत्य नहीं सुना जा @ सकता, सत्य केवल शांत हृदय में उतरता है। जब भी मनुष्य पूरी तरह अपने अंदर Tu से खाली हो जाता है तभी उसका अस्तित्व भरता है। परमात्मा के प्रति ध्यान कोई Hi साधन नहीं एक स्वाभाविक क्रिया है उस Tu परमात्मा को अपने हृदय में धारण करने की..!!जो मनुष्य स्वयं को जान लेता है वह Guu पूरे ब्रह्मांड को जान लेता है। जैसे-जैसे मनुष्य भीतर उतरता है तो पता है की वह Ji शरीर नहीं मन नहीं एक शुद्ध साक्षी रूह है उस परमात्मा के प्रति और वही साक्षी भाव उसे सत्य तक ले जाता है जो जन्म से पहले भी था और मृत्यु के बाद भी रहेगा - ShareChat

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