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#शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा - शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा , रास पूर्णिमा और कौमुदी व्रत भी कहा जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी का पृथ्वी पर आगमन माना जाता है. पूर्णिमा की रात चांद सोलह कलाओं से शरद पूर्ण माना जाता है और इसकी चांदनी अमृत समान मानी जाती है. मान्यता है कि ब्रज में इसी रात श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था. आनंदमयी रात की स्मृति में खीर बनाई उस और बांटी जाती है. शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा , रास पूर्णिमा और कौमुदी व्रत भी कहा जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी का पृथ्वी पर आगमन माना जाता है. पूर्णिमा की रात चांद सोलह कलाओं से शरद पूर्ण माना जाता है और इसकी चांदनी अमृत समान मानी जाती है. मान्यता है कि ब्रज में इसी रात श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था. आनंदमयी रात की स्मृति में खीर बनाई उस और बांटी जाती है. - ShareChat

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