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#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - फ़िज्ूल रोना है , उस बात पर তীসব্ দিন সতব মীনা ঔ |l हैरत क्या राही यही দুনিসা है , होता रहेगा जो नहीं होना है ।l  फ़िज्ूल रोना है , उस बात पर তীসব্ দিন সতব মীনা ঔ |l हैरत क्या राही यही দুনিসা है , होता रहेगा जो नहीं होना है ।l - ShareChat

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