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#❤️जीवन की सीख #🙏 नमो बुद्धाय 🙏
❤️जीवन की सीख - फुसलाने की सारी कोशिशें बेकार जाएगी. धूपबत्ती , माला चढ़ाकर खुश करने या चापलूसी करने की कोशिश करेंगे तो सब व्यर्थ होगा क्योंकि गौतम बुद्ध अब इस में दुनिया नहीं हैं. तो कोई लाख कोशिश करें कुछ हासिल होने वाला नहीं है. अब तो सिर्फ उनका बताया हुआ सत्य का मार्ग हैं, मानव कल्याण का धम्म है. चार आर्य और अष्टांगिक मार्ग है॰ शील, समाधि और प्रज्ञा का मार्ग है. प्रेम , करुणा व मैत्री में है. इसलिए आज कहीं कोई व्यक्ति Seதி प्रतिमा को नुकसान पहुंचाएं बुद्ध को गाली देवे तो गुस्सा मत करना. क्योंकि बुद्ध न बुद्ध विहारों में है, न शास्त्रों में है, न मूर्तियों में॰ बुद्ध से मिलना हो तो उनके मार्ग पर चलना पड़ेगा. बुद्ध तो व्यक्ति के आचरण में हैं, शीलों के पालन में झलकते है, बुद्ध के दर्शन तो ध्यान साधना द्वारा भीतर झांककर मन को निर्मल करने से होते है. बाहर भटकने से कुछ नहीं मिलेगा. हां! यदि ज्ञान, ध्यान और शील, समाधि व प्रज्ञा के मार्ग पर चलते हुए बुद्ध का रास्ता आनंद व सुखमय लगे , मानव कल्याण का लगे फुसलाने की सारी कोशिशें बेकार जाएगी. धूपबत्ती , माला चढ़ाकर खुश करने या चापलूसी करने की कोशिश करेंगे तो सब व्यर्थ होगा क्योंकि गौतम बुद्ध अब इस में दुनिया नहीं हैं. तो कोई लाख कोशिश करें कुछ हासिल होने वाला नहीं है. अब तो सिर्फ उनका बताया हुआ सत्य का मार्ग हैं, मानव कल्याण का धम्म है. चार आर्य और अष्टांगिक मार्ग है॰ शील, समाधि और प्रज्ञा का मार्ग है. प्रेम , करुणा व मैत्री में है. इसलिए आज कहीं कोई व्यक्ति Seதி प्रतिमा को नुकसान पहुंचाएं बुद्ध को गाली देवे तो गुस्सा मत करना. क्योंकि बुद्ध न बुद्ध विहारों में है, न शास्त्रों में है, न मूर्तियों में॰ बुद्ध से मिलना हो तो उनके मार्ग पर चलना पड़ेगा. बुद्ध तो व्यक्ति के आचरण में हैं, शीलों के पालन में झलकते है, बुद्ध के दर्शन तो ध्यान साधना द्वारा भीतर झांककर मन को निर्मल करने से होते है. बाहर भटकने से कुछ नहीं मिलेगा. हां! यदि ज्ञान, ध्यान और शील, समाधि व प्रज्ञा के मार्ग पर चलते हुए बुद्ध का रास्ता आनंद व सुखमय लगे , मानव कल्याण का लगे - ShareChat

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