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tuesdaymotivation - गीता का गूढ़ ऱहस्य प्रश्नः- काल भगवान अर्थात ब्रह्य अविनाशी है या जन्मता=्सरता है? उत्तरः - जन्मता -मरता है। अध्याय 4 का श्लोक 5 प्रमाण के लिए देखें - (भगवान उवाच) बहूनि मे॰ व्यतीतानि जन्मानि तवच अर्जुन श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक १२, तानि अहम् वेद सर्वाणि न॰ वेत्थ परन्तप।।५I। त्वम गीता अध्याय 4 श्लोक 5 अनुवादः ( परन्तप ) हे परन्तप (अर्जुन) अर्जुन। मेरे (च) और (तव) तेरे (बहूनि) (जन्मानि) ಫ57 # गीता अध्याय १० श्लोक 2 (व्यतीतानि) हो चुके हें। (तानि) उन (सर्वाणि) जन्म सबको (त्वम) तू (न) नहीं (वेत्थ) जानता किंतु में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि (अहम) में (वेद ) जानता हू। (५) है, मैं अविनाशी नहीं हूँ! मेरी भी जन्म व मृत्यु होती हिन्दीः हे परन्तप अर्जुन! मेरे ओर तेरे बहुतः से जन्म  हो चुके हें। उन सबको  किंतु रमे जानता  तू नही जानता हू संत रामपाल जी महाराज द्वारा ख्वुलासा ద్ద్ নিঃসুল্ক্কে পাম  पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें  ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL Ji SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL JI MAHARAJ गीता का गूढ़ ऱहस्य प्रश्नः- काल भगवान अर्थात ब्रह्य अविनाशी है या जन्मता=्सरता है? उत्तरः - जन्मता -मरता है। अध्याय 4 का श्लोक 5 प्रमाण के लिए देखें - (भगवान उवाच) बहूनि मे॰ व्यतीतानि जन्मानि तवच अर्जुन श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक १२, तानि अहम् वेद सर्वाणि न॰ वेत्थ परन्तप।।५I। त्वम गीता अध्याय 4 श्लोक 5 अनुवादः ( परन्तप ) हे परन्तप (अर्जुन) अर्जुन। मेरे (च) और (तव) तेरे (बहूनि) (जन्मानि) ಫ57 # गीता अध्याय १० श्लोक 2 (व्यतीतानि) हो चुके हें। (तानि) उन (सर्वाणि) जन्म सबको (त्वम) तू (न) नहीं (वेत्थ) जानता किंतु में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि (अहम) में (वेद ) जानता हू। (५) है, मैं अविनाशी नहीं हूँ! मेरी भी जन्म व मृत्यु होती हिन्दीः हे परन्तप अर्जुन! मेरे ओर तेरे बहुतः से जन्म  हो चुके हें। उन सबको  किंतु रमे जानता  तू नही जानता हू संत रामपाल जी महाराज द्वारा ख्वुलासा ద్ద్ নিঃসুল্ক্কে পাম  पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें  ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL Ji SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat

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