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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - ٤١ कितनी मुश्किल के बाद टूटा है, इक रिश्ता कभी जो था ही नहीं. ٤١ कितनी मुश्किल के बाद टूटा है, इक रिश्ता कभी जो था ही नहीं. - ShareChat

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