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#✍🏽 माझ्या लेखणीतून #🙂Motivation
✍🏽 माझ्या लेखणीतून - थोड़ी हारी हूं॰ पर थकी नहीं, थोड़ी टूटी हूं॰ पर बिखरी नहीं.. कभी खुद से लड़ी हूं॰ तो कभी चुपचाप हंसी हूं॰ कुछ कहती नहीं, पर सब समझती हूं॰ः कमियां भी हैं॰ खूबियां भी हैं अधूरे हैं, पर उम्मीदें अभी ज़़िंदा हैं... ख्वाव जो ठोकरें मिलीं, वो भी जरूरी थीं क्योंकि गिरकर ही तो संभलना सीखा है मैंने... किसी को खोने का डर नहीं है, ##ara क्योंकि मैंने खुद को पा लिया है..ः जो भी हूं जैसी भी - सच्ची हूं॰ कच्ची हूं॰ पर सबसे पहले... मैं असली हूं। थोड़ी हारी हूं॰ पर थकी नहीं, थोड़ी टूटी हूं॰ पर बिखरी नहीं.. कभी खुद से लड़ी हूं॰ तो कभी चुपचाप हंसी हूं॰ कुछ कहती नहीं, पर सब समझती हूं॰ः कमियां भी हैं॰ खूबियां भी हैं अधूरे हैं, पर उम्मीदें अभी ज़़िंदा हैं... ख्वाव जो ठोकरें मिलीं, वो भी जरूरी थीं क्योंकि गिरकर ही तो संभलना सीखा है मैंने... किसी को खोने का डर नहीं है, ##ara क्योंकि मैंने खुद को पा लिया है..ः जो भी हूं जैसी भी - सच्ची हूं॰ कच्ची हूं॰ पर सबसे पहले... मैं असली हूं। - ShareChat

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