ShareChat
click to see wallet page
अपने यहाँ न... जब किसी से लड़ाई होती है तो राजपूत भाई दुनाली निकाल लेते हैं. जबकि, अपने जादो भाई लाठी निकाल लेते हैं. जबकि, वैश्य यानि कि बनिया बहुत ही शांतिप्रिय समुदाय होते हैं. अव्वल तो वे पहले लड़ाई करते ही नहीं हैं.. और, यदि किसी कारणवश लड़ाई झगड़ा हो भी गया तो बंदूक या लाठी तो क्या वे किसी पर पत्थर तक नहीं चलाते हैं कभी. और, बनियों की ये आदत सिर्फ बिहार या UP-MP ही नहीं पूरे भारत में सर्वमान्य है. बनिये तो बेचारे आजीवन जीव दया , मानवता , करुणता का जाप करते रहते हैं. यहाँ तक कि, ये इतने सीधे होते हैं कि वे दुकान के पास आये कुत्तों और गाय-भैंस अथवा दुश्मन तक को एक जूट बैग से हांकते हैं. अब ये बात अलग है कि उस फोल्डेड जूटबैग के अंदर एक पंचशेरी ( 5kg का बाट) भी होता है. जिससे लगने वाली चोट दिखती तो नहीं है लेकिन अंदर ही अंदर बहुत दर्द देती है..! अरे, बनिये ये याद आया कि गुजरात में ज्यादातर लोगों के व्यापारी होने के कारण अधिकांश गुजराती को गुज्जू बनिया ही कहा जाता है..! जैसे कि, मोदी और शाह भी तो गुजराती बनिए ही है. तो, ये भी जब किसी को हांकते हैं तो आदतानुसार उसे जूट के मुलायम बैग से ही हांकते हैं. इसीलिए, अधिकांश कट्टर हिन्दू उनसे बिफरे रहते हैं कि अरे हांकना है तो लाठी से हांको, दुनाली से हांको.. ये क्या जूट के बैग से दुश्मनों को सहला रहे हो. असल में ऐसे कट्टर हिन्दू बहुत भोले होते हैं और उन्हें बनियों की कल्चर का पता नहीं होता है कि बाहर से दिखने में जो महज एक जूट का मुलायम सा बैग लग रहा है उसके अंदर असल में एक 5 पचशेरी भी डाला हुआ है जिसके लगते ही दुश्मन दर्द से बिलबिला जाता है. जैसे कि, मोदी और शाह का "सबका साथ, सबका विश्वास", "तुष्टिकरण नहीं तृप्तिकरण", "एक हाथ में प्यार-एक हाथ में क *टार" टाइप का जूट का बैग देखते ही हमारे कट्टर हिन्दू भाई-बहन बिदक जाते हैं कि ये क्या तरीका है दुश्मन को हांकने का ? लेकिन, बेचारे अपने भोलेपन में वे इस जूट बैग के भीतर का पचशेरी वाला खेल (ट्रिपल तलाक़ समाप्त, हज सब्सिडी समाप्त, मधरसे की मैपिंग, श्री राम मंदिर निर्माण, 370 हटना, कश्मीर के टुकड़े, वक्फ बिल संशोधन, CAA, SIR आदि) समझ नहीं पाते. यही कारण है कि... जब आप किसी पड़ोसी से पूछोगे कि आप को क्या दिख रहा है सर... तो, वो आपको मोदी के हाथ में दिख रहा जूट का मुलायम बैग दिखायेगा और बताएगा. लेकिन, जब आप किसी कुकर को पूछो कि क्या लग रहा है... तो, उनको तो पंचशेरी लगती है सर पर. जय हिंद 🇮🇳 #पॉलिटिक्स #राजनीतिक व्यंग्य

More like this