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#✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी #🖊 एक रचना रोज़ ✍ #सोना की जिंदगी कुछ इस तरह
✍️ साहित्य एवं शायरी - Its Me उदास रहना अब तो मेरी आदत बन गई है, चेहरे की muskurahat पता नहीं अब कहां खो गई है मुस्कुराने से भी क्योंकि डर लगता है अब ज़िंदगी जितना हसाती है फिर बाद में दोगुना रुलाती है Its Me उदास रहना अब तो मेरी आदत बन गई है, चेहरे की muskurahat पता नहीं अब कहां खो गई है मुस्कुराने से भी क्योंकि डर लगता है अब ज़िंदगी जितना हसाती है फिर बाद में दोगुना रुलाती है - ShareChat

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