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👉🏿 40 साल तक ईशा के वुज़ू से फजर की नमाज़ अदा फरमाना 👈🏿 `शेख अबू अब्दुल्ला मुहम्मद बिन अबूल-फ़तह हरवी, रहमतुल्लाह अलयह कहते हैं कि` > मैंने चालीस साल तक हुज़ूर ग़ौसे आज़म(रदी-अल्लाह-अन्ह) की सेवा की। इस पद पर रहते हुए मेने देखा की,आप ईशा का वज़ू करने के बाद सुबह की नमाज़ अदा करते थे। और यह आपका तरीका था कि जब भी आपका वज़ू टुट जाता,तो उसी समय वज़ू करते थे और दो रकाअत नफिल नमाज़ अदा करते थे।(बहजतुल असरार164) 👉 मतलब आप रात को सोते नही थे अगर मानवता की ज़रूरतों के हिसाब से नींद ज़रूरी होती, तो आप रात में पहले थोड़ी झपकी लेते, फिर जल्दी उठकर इबादतो में लग जाते। यानी उनकी रातें ध्यान, ध्यान और अल्लाह पाक की यादों में बीततीं। नींद उनसे कोसों दूर थी। वे खुद कहते हैं कि इश्क का दर्द मुझे सोने नहीं देता। आप रात में घर से बाहर कभी नहीं निकलते थे, चाहे खलीफा खुद आपसे मिलने क्यों न आ जाए। आप अक्सर रोज़ा रखते थे, रात में जागना और दिन में रोज़ा करना आपकी आदत बन गई थी। *आपने सुना कि हुज़ूर ग़ौसे आज़म का तरीका था कि जब भी वह वज़ू करते थे, तो दो रकाअत नफिल नमाज़ अदा करते थे।* *वज़ू करने के बाद दो रकाअत नफिल नमाज अदा करने की फ़ज़ीलत हदीस शरीफ में वर्णित है।* 👉 और वुज़ू करने के फौरन बाद कोई नफिल नमाज पढ़ी जाएगी उसे `तहियतुल-वुज़ू` कहते है 👉🏿 `एक बार नबी-ए-अकरम (ﷺ) ने हज़रत बिलाल हबशी (रदी-अल्लाह-अन्ह) से कहा:` > "हे बिलाल! क्या कारण है कि मैंने जन्नत में प्रवेश किया तो आपको आगे आगे चलते देखा.? हज़रत बिलाल ने कहा: या रसूल-अल्लाह (ﷺ) जब मैं वुज़ू करता हूं, तो दो रकाअत नफिल नमाज पढ़ता हूं।" आपने कहा: यही कारण है। (सहीह बुखारी) वुज़ू के बाद अंगों के सूखने से पहले दो रकअत नमाज़ अदा करना `मुस्तहब` है। मदीने के सुल्तान (ﷺ) ने फ़रमाया: > "जो कोई वुज़ू करे और उसे अच्छी तरह करे और ध्यानपूर्वक, बाहरी और आंतरिक रूप से, दो रकअत नमाज़ पढ़े, उस पर जन्नत फ़र्ज़ हो जाती है।" (मुस्लिम, फ़ज़ाइल नवाफ़िल, पृष्ठ 4) 👉 गुस्ल के बाद दो रकअत नमाज़ अदा करना भी मुस्तहब है। > अगर कोई वुज़ू के बाद फ़र्ज़ नमाज़ अदा करता है, तो वह तहियतुल-वुज़ू अदा करने वाले की स्थिति में आ जाता है।(रद्दुल-मुख्तार) 👇👇👇👇👇👇 इसका मतलब यह है कि वज़ू करने के बाद कोई भी फर्ज़ नमाज़ पढ़ने से यह फज़िलत (तहियतुल-वुज़ू की) प्राप्त हो जाएगी। ┍━━━━━━━✿✿✿✿━━━━━━━┑ ❖ ꜰᴀᴄᴇʙᴏᴏᴋ || Chaudhary Abdul Aziz Rayeen❖ ┕━━━━━━━✿✿✿✿━━━━━━━┙ #दरगाह #ya Gause Al madad #🤲इस्लाम की प्यारी बातें #☪ सूफी संगीत 🕌 #🤲अल्लाह हु अक़बर
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