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#🖋️ कबीर दास जी के दोहे
🖋️ कबीर दास जी के दोहे - " धोए शरीर को, মল মল धोए न मन का मैल | नहाए गंगा गोमती, रहे बैल के बैल ।। कबीर दास र्ज Add comment धोए शरीर को, মল মল धोए न मन का मैल | नहाए गंगा गोमती, रहे बैल के बैल ।। कबीर दास र्ज Add comment - ShareChat

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