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#आज जिनकी जयन्ती है #आज जिनकी जयंती है
आज जिनकी जयन्ती है - आज जयंती है॰ नमन सिंह  केसरी वारहट (अंग्रेज़ीः Kesar Singh Barahath जन्म॰ २१ नवम्वर १८७२ शाहपुरा राजस्थान मृत्युः १४ अगस्त १९४१ ) प्रसिद्घ राजस्थानी कवि ओर स्वतंत्रता  सेनानी थे। उन्होने बांग्ला मराठी  गुजराती  आदि भाषाओं के साथ इतिहास दर्शनाी  मनोविज्ञान खगोलशास्त्र तथा ज्योतिष आदि గౌగినా विद्वत्ता  का अध्ययन कर प्रमाणिक ಹಚc3e ಕ करलीःथी। केसरी जी के भाई जोरावर सिंह तिकर कोव [6 बारहटने रास बारहट ओर पुत्र प्रताप 34aarr 1872 बिहारी बोस के साथ लोर्ड हा्डिंग द्वितीय की ऐस W   or सवारी पर बम फेकने के कार्यःरमे भाग लिया नमवाड करणा फत सिहकेदिल्ली केसरी सिंह बारहट ने प्रसिद्घ चेतावनी रा {2` 2 अग्जी दखारग जानक कदगरक चुंग्ट्या नामक सोरठे रचे थे जिन्हे पढ़कर  एक सोरठा प्रस्तुत हे मेवाड़ के महाराणा अत्यधिक प्रभावित हुए थे  पगपम भम्या पहाडधरा छोड़ राख्यो धरम সাে 1903 $ ম লাও কড়ন ব্রাযা महाराणार मेवाड़ हिरदे बसिया हिद रे।।  नही हुए  িণানিভ: आयोजित दिल्ली दरबार मे शामिल घणा पलिया पमसाण राणा सदा पेखंता फरमाण हलचल किम फतमल हुवे। । थे। आज जयंती है॰ नमन सिंह  केसरी वारहट (अंग्रेज़ीः Kesar Singh Barahath जन्म॰ २१ नवम्वर १८७२ शाहपुरा राजस्थान मृत्युः १४ अगस्त १९४१ ) प्रसिद्घ राजस्थानी कवि ओर स्वतंत्रता  सेनानी थे। उन्होने बांग्ला मराठी  गुजराती  आदि भाषाओं के साथ इतिहास दर्शनाी  मनोविज्ञान खगोलशास्त्र तथा ज्योतिष आदि గౌగినా विद्वत्ता  का अध्ययन कर प्रमाणिक ಹಚc3e ಕ करलीःथी। केसरी जी के भाई जोरावर सिंह तिकर कोव [6 बारहटने रास बारहट ओर पुत्र प्रताप 34aarr 1872 बिहारी बोस के साथ लोर्ड हा्डिंग द्वितीय की ऐस W   or सवारी पर बम फेकने के कार्यःरमे भाग लिया नमवाड करणा फत सिहकेदिल्ली केसरी सिंह बारहट ने प्रसिद्घ चेतावनी रा {2` 2 अग्जी दखारग जानक कदगरक चुंग्ट्या नामक सोरठे रचे थे जिन्हे पढ़कर  एक सोरठा प्रस्तुत हे मेवाड़ के महाराणा अत्यधिक प्रभावित हुए थे  पगपम भम्या पहाडधरा छोड़ राख्यो धरम সাে 1903 $ ম লাও কড়ন ব্রাযা महाराणार मेवाड़ हिरदे बसिया हिद रे।।  नही हुए  িণানিভ: आयोजित दिल्ली दरबार मे शामिल घणा पलिया पमसाण राणा सदा पेखंता फरमाण हलचल किम फतमल हुवे। । थे। - ShareChat

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