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#sachi baate
sachi baate - जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था. जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था. जब घर में रहते थे, आज़ादी a अच्छी लगती थी. 1 आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने a की जल्दी रहती है. कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था. आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना पसंद है. स्कूल में जिनके साथ झगड़ते थे, g आज उनको ही इंटरनेट पे a तलाशते है. U किसमे होतीं है, ये पता g? 1 अब चला है. a gTv बचपन क्या इसका एहसास काश बदल सकते अब हुआ है. हम ज़िंदगी के कुछ साल. काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार. जब बचपन था, तो जवानी एक ड्रीम था. जब जवान हुए, तो बचपन एक ज़माना था. जब घर में रहते थे, आज़ादी a अच्छी लगती थी. 1 आज आज़ादी है, फिर भी घर जाने a की जल्दी रहती है. कभी होटल में जाना पिज़्ज़ा, बर्गर खाना पसंद था. आज घर पर आना और माँ के हाथ का खाना पसंद है. स्कूल में जिनके साथ झगड़ते थे, g आज उनको ही इंटरनेट पे a तलाशते है. U किसमे होतीं है, ये पता g? 1 अब चला है. a gTv बचपन क्या इसका एहसास काश बदल सकते अब हुआ है. हम ज़िंदगी के कुछ साल. काश जी सकते हम, ज़िंदगी फिर एक बार. - ShareChat

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