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[03/10, 9:17 pm] Pankaj Bajpai: दर्शन का सौभाग्य मिला यहां वर्ष में तीन दिन मेला लगता है नारियल और पिसी शक्कर का प्रसाद चढ़ता है शाहजहांपुर से जलालाबाद(अब परशुरामपुरी) मार्ग से बाएं तरफ स्थित है (जनश्रुति के अनुसार श्री दीक्षित जी ओयल स्टेट के राजपुरोहित थे और पहले इस मूर्ति की स्थापना ओयल के मंडूक मंदिर में होनी थी) साल में सिर्फ दो बार खुलते हैं कुर्रिया कला के प्राचीन देवी मंदिर के कपाट शाहजहांपुर। कांट क्षेत्र के कुर्रिया कला गांव स्थित प्राचीन देवी मंदिर की विशेषता यह है कि इसके कपाट पूरे वर्ष में केवल दो बार ही भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाते हैं। अब आगामी दो अक्टूबर की भोर से मंदिर के कपाट तीन दिन के लिए खुलेंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. गुरुदेव प्रसाद दीक्षित ने बताया कि दो अक्टूबर को सुबह चार बजे कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालु प्रतिदिन शाम आठ बजे तक मां भुवनेश्वरी, मां काली और मां त्रिपुर सुंदरी के दर्शन कर सकेंगे। तीन दिनों तक विशेष पूजा–अर्चना और अनुष्ठान होंगे। चार अक्टूबर को दोपहर दो बजे विसर्जन पूजा के साथ कपाट पुनः छह माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ग्रामीणों के अनुसार इस मंदिर की स्थापना पं. साहतावन लाल दीक्षित महाराज ने की थी। कहा जाता है कि उन्होंने भगवान शंकर की प्रतिमा को हंसाकर अपनी साधना सिद्ध की थी। बाद में उसी प्रतिमा को वे कुर्रिया कला लाए और यहां प्रतिष्ठित किया। यही कारण है कि आज भी मंदिर में स्थापित शिव प्रतिमा हंसती हुई मुद्रा में दिखाई देती है, जो भक्तों को अद्भुत और अलौकिक अनुभव कराती है। मंदिर की व्यवस्था फिलहाल अमित दीक्षित देख रहे हैं। कपाट खुलने की खबर से क्षेत्र के भक्तों में उत्साह है और भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। #मंदिर #पर्यटन फोटोग्राफी🏞️ #धार्मिक ##APNA_LMP #प्रिय कवि #🕉️सनातन धर्म🚩
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