अरे सुनो — चूहा सिर्फ गटर का रहवास नहीं, बल्कि एक स्मार्ट वैज्ञानिक साथी भी है: बड़े में पाए जाने वाला brown rat (Rattus norvegicus) एशिया से निकलकर मनुष्यों के साथ दुनिया भर में फैल चुका है और शहरी जगहों पर जल्दी बढ़ता और अनुकूलित हो जाता है। वैज्ञानिकों ने अभी-अभी बताया है कि चूहे ultrasonic आवाज़ें निकालकर अपनी सूंघने की क्षमता बढ़ा सकते हैं — यानी वे “squeak-and-sniff” ट्रिक से हवा में मौजूद अणुओं को क्लस्टर कर pheromone या गंध संकेतों का बेहतर पता लगा लेते हैं, जिसका निहितार्थ संचार-विकार और न्यूरोबायोलॉजी के शोध में बड़ा है। वहीं प्रयोगशाला में पले-बढ़े लैब-रैट्स ने व्यवहारिक और न्यूरोसाइंस रिसर्च में न सिर्फ मेमोरी और निर्णय-लेने की प्रक्रियाएँ समझाने में मदद की है बल्कि नए डिजिटल टूल्स (जैसे EEG-आधारित deep learning sleep-staging) से उनकी बायोमैट्रिक्स का विश्लेषण तेज़ हो गया है — इसलिए वे सिर्फ ‘मोडल ऑर्गेनिज़्म’ नहीं, बल्कि translational science के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। और हाँ, एक लाइन जो सोचने पर मजबूर कर दे: “The trouble with the rat race is that even if you win, you're still a rat.” — Lily Tomlin. 🐀🔬🧠💡 #चूहा #RatScience #बायोलॉजी #न्यूरोसायंस @Ratan Sahani @ Ratan Shastri @Ratan shit @ratan dey @ ratan kumar #rat #मजे hindu rat #सामाजिक संगठन दलित #दलित #बम - बम भोले

